श्री निजानंद संप्रदाय का परिचय
श्री निजानंद संप्रदाय - (श्रीकृष्ण प्रणामी धर्म)
धर्मप्रेमी सज्जनो,
सृष्टि के प्रारंभ से ही मनुष्य में यह जानने की जिज्ञासा रही है कि में कौन हूँ ? कहाँ से आया हूँ ? इस सृष्टि का निर्माता कौन है ? वह सच्चिदानंद परब्रह्म कहाँ है ? कैसा है ? और वह कैसे प्राप्त होता है ? मनीषी जनों ने इन प्रश्नों का यथावत् जबाव पाने का भरसक प्रयास किया, किन्तु तारतम ज्ञान के अभाव में किसी को भी उसकी प्राप्ति का आँखों देखा सही उत्तर न मिल सका।
इस तारतम ज्ञान (ब्रह्मवाणी) को लाने वाले पूर्णब्रह्म स्वरूप श्री प्राणनाथ जी हैं जिन्होंने श्री मेहराज ठाकुर के कलेवर में विराजमान होकर लीला की । पुराण संहिता में इस संबंध में कहा गया है -
सुन्दरी च इन्दिरा नामाभ्यां चन्द्रसूर्ययोः । मायान्धकार विनाशाय भविष्यतः कलौयुगे ।।
श्री 108 प्राणनाथजी मंदिर ट्रस्ट की अन्य संस्थाए
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